विकसित भारत में हिन्दी
Abstract
विकसित भारत में हिन्दी अपने दम पर राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित हो गई है। हिन्दी की भूमिका विकसित भारत में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। हिन्दी भाषा न केवल भारतीय संस्कृति और विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह भाषा भारतीय समाज के साथ-साथ विश्व स्तर पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हिन्दी भाषा का विस्तार और उन्नति का इतिहास विविधता और समृद्धता की ओर इशारा करता है। यह भारतीय सभ्यता का एक प्रमुख स्तम्भ है और उसकी अद्भुतता को संवारता है। विभिन्न भाषाओं और विभिन्न सांस्कृतिक परंपराओं के बीच एकता और सामंजस्य का माध्यम बनाने के लिए भी हिन्दी का महत्व अत्यधिक है। विकसित भारत में हिन्दी का महत्व विभिन्न क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। सरकारी व्यवस्था, शिक्षा, भारतीय संस्कृति, और व्यापार में हिन्दी का प्रयोग अत्यधिक है। साथ ही, डिजिटल युग में भी हिन्दी की महत्वपूर्ण भूमिका है, जैसे कि भारत में वेबसाइट्स, ऐप्स, और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हिन्दी का विस्तार हो रहा है। यह न केवल भाषा के लोकप्रियता को बढ़ाता है, बल्कि भारत के विकास में भी सहायक होता है। हिन्दी के माध्यम से भारतीय संस्कृति, साहित्य, और विज्ञान के अद्भुत खजाने का प्रसार होता है। यह भाषा भारत के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को एक साथ जोड़ती है और राष्ट्रीय एकता और बहुभाषिता के सिद्धांत को प्रोत्साहित करती है।
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References
राजभाषा भरती, राजभाषा विभाग नई दिल्ली -अंक 57
राजभाषा भरती, राजभाषा विभाग नई दिल्ली -अंक 152
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986, http://14.139.60.153/handle/123456789/371से 02 नवंबर 2021
स्मारिका, विशेषांक, राजभाषा विभाग नई दिल्ली.