श्रीमद् भगवद्गीता और योगतत्व समन्वयमीमाांसा

Authors

  • Dr. Rajeshwari M. Patel

Abstract

प्रस्तुत शोध पत्रमे श्रीमद् भगवद्गीता और योगतत्व समन्वयमीमाांसा का वववेचन या गया इसमें कल्याण की इच्छासे प्रेररत होकर कल्याण के रास्ते और साधन की खोज में ननकले हुए प्रत्येक ववचारशील मनुष्यका अनुभव है की यधवप भगवान की रची हुई सृष्ष्ि के अांतगगत अनन्तकोटि ब्रह्माण्डो में रहनेवाले अनन्तकोटि जीवोमे शरीर इष्न्िय, चचतवृनतयो, बुष्धध, ववधा, अभ्यास आटि अांशो में अनन्त भेिो के होने के कारण कल्याण या शाश्वत श्रेय के साधन के ववचार में अनन्तकोटि मत भेि हुआ करते है। और एक-एक जीव के मन में भी एक ही टिन में असांख्य मत पररवतगन हो जाया करते है, तो भी सब जीवोके ववचार में इस बात में अत्यांत एकता हमेशा नजर आती है कक उनका अष्न्तम लक्ष्य तो एक ही हुआ करता है वह यह है कक हम सब स्थानो में सब समयो में, सब अवस्थाओ में और सब प्रकार से सुख-शाष्न्त ममलती रहे और हमारी उन्ननत ही होती रहे, ककसी स्थानो में ककसी अवस्था में, ककसी बात में ककसी प्रकार का ताननक भी िु:ख अशाष्न्त या अब नननत न होने पावे, इसी स्वाभाववक एवां अननवायग चचतवृनत तथा इच्छा से प्रेररत होकर सब जीव अपने अपने ववचार तथा शष्तत के अनुसार अनेक प्रकार के प्रयत्न करते रहते है। जीवन का चचन्ह, उन्ननत का सचा अथग, लक्ष्य और साधन का क्रम मतान्तरो का लक्ष्य, लक्ष्य प्राष्तत का साधन, साधना का नाम योग है। योग के अनेक प्रकार की वववेचना इसमें कक गई है।

Downloads

Download data is not yet available.

References

१. समत्वां योग उच्यते / (२/४८)

२. योग: कमगसु कौशलम्/ (२/५०)

३. योग्सन्यस्तकमॅाणम् (४ /४१)

४. योगयुत्को ववशुद्धात्मा ववष्जतात्मा ष्जतेष्न्िय//(५/७)

५. Radhakrishnan S., 'Bhagavad Gita' published by Rajpal & sons, Delhi, 1962

६. Bhakti Vedanta A.C. & Swami Prabhu Pad, 'Bhagavadsandseh' Published by Bhakti Vedanta Granth Sansthan, Kandhivali Bombay vol.1, 1986

७. Bhakti Vedanta A.C. & Swami Prabhu Pad, 'Bhagavadsandseh' Published by Bhakti Vedanta Granth Sansthan, Kandhivali Bombay vol. 2, 1986

८. Tattavabhuhan, S. 'The Bhagavad Gita', Cosmo Publication, New Delhi, 1987

९. Shivanand, 'Gita Rasamrita' sarvasewa sangh Prakashan Rajght, Varanasi, 1997

Additional Files

Published

10-10-2016

How to Cite

Dr. Rajeshwari M. Patel. (2016). श्रीमद् भगवद्गीता और योगतत्व समन्वयमीमाांसा. Vidhyayana - An International Multidisciplinary Peer-Reviewed E-Journal - ISSN 2454-8596, 2(2). Retrieved from https://j.vidhyayanaejournal.org/index.php/journal/article/view/188