फणीश्वरनाथ 'रेणु' के कहानियों में आर्थिक समस्या

Authors

  • Dr. MaheshKumar A. Khant

Abstract

रेणु जी के कथा-साहित्य में ग्रामीण जीवन की सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक परिवेश के चित्रण के साथ साथ आर्थिक समस्या का भी चित्रण हुआ है आर्थिक व्यवस्था की दृष्टि से रेणु जी ने युगों युगों से शोषित किसान मजदूरों की एक सही तस्वीर अपने कथा-साहित्य में प्रस्तुत की है। उन्होंने आर्थिक दुरव्यवस्था से पीड़ित मनुष्य का अत्यन्त ही कारुणिक चित्र प्रस्तुत किया है।

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References

१. इतिहास, मजहब और आदमी, फणीश्वरनाथ रेणु, पृ.७८

२. विघटन के क्षण, फणीश्वरनाथ रेणु, पृ.४४७

३. अच्छे आदमी, फणीश्वरनाथ रेणु, पृ.३०४

४. वहीं, पृ.३०७

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Published

10-02-2024

How to Cite

Dr. MaheshKumar A. Khant. (2024). फणीश्वरनाथ ’रेणु’ के कहानियों में आर्थिक समस्या. Vidhyayana - An International Multidisciplinary Peer-Reviewed E-Journal - ISSN 2454-8596, 9(4). Retrieved from https://j.vidhyayanaejournal.org/index.php/journal/article/view/1612