सूचना क्रांतिः समाज और संस्क्रुति
Abstract
भारत जैसे उदारवादी और विकासशील देश के संदर्भ में जहां सुचनाओ माध्यमो ने खासी प्रगति तो कि है पर उनका उपयोग समाज में वैज्ञानिक द्रष्टिकोण व समज विकसित करने की बजाए संस्क्रुति के हास व महज कौतुहुल जगाने में हो रहा है, वहां अज्ञेय का कथन सटीक बैठता है।
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Published
10-12-2020
How to Cite
Dr. Jitendra Radadiya. (2020). सूचना क्रांतिः समाज और संस्क्रुति . Vidhyayana - An International Multidisciplinary Peer-Reviewed E-Journal - ISSN 2454-8596, 6(3). Retrieved from https://j.vidhyayanaejournal.org/index.php/journal/article/view/1209
Issue
Section
Research Papers