पंकज मित्र की कहानियों में भूमंडलीकरण का राजनितिक प्रभाव:

Authors

  • Neeta Pandey

Abstract

१९९० के बाद हिंदी कथा - साहित्य में एक नई पीढ़ी का आगमन हुआ जो अपनी पूर्ववर्ती पीढ़ी से अलग, नई संवेदनाओं और समस्याओ को लेकर हमारे समक्ष उपस्थित हुई l पंकज मित्र इसी नई पीढ़ी के कहानीकार हैं, इनका हिंदी कहानी में आगमन १९९० के बाद ही हुआ है l पंकज की कहानियों की अलग विषय वस्तु और भिन्न शैली है जिसकी वजह से वे दूसरों से बिल्कुल अलग और भिन्न प्रकार का स्वयं व्यक्त होती हैं l 

पंकज मित्र कसबे के कहानीकार हैं l वे तमाम राष्ट्रीय - अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं को कस्बे के सन्दर्भ में दिखाते हैं l पंकज छोटे कसबे के बड़े लोकनायक की भांति हैं, जो भूमंडलीकरण, पूँजीवाद और रिश्तों के बदलते समीकरणों को लेकर हमारे सामने उपस्थित होते हैं l इनकी कहानियों से गुजरते हुए यह कहना पड़ता है कि उन्होंने कथा - साहित्य के रूप और शिल्प को बदलकर ही रख दिया है l इनका जीवन अनुभव और दृष्टिकोण बहुत विस्तृत और व्यापक है l 

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References

(१) मित्र, पंकज, ‘अपेंडिसाइटिस’ (क.) ‘जिद्दी रेडियो’, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली,प्र. संस्करण -२०१४ , पृष्ठ – ३९

(२) मित्र, पंकज, ‘बोनसाई’(क.), क्विजमास्टर और अन्य कहानियाँ, आधार प्रकाशन, पंचकूला, संस्करण -२०११, पृष्ठ – ७२,७३,७७

(३) मित्र, पंकज, ‘बिन पानी डॉट कॉम’(क.), क्विजमास्टर और अन्य कहानियाँ, आधार प्रकाशन, पंचकूला, संस्करण -२०११, पृष्ठ – ३१– ३२

(४) मित्र, पंकज, ‘अफसाना प्रदुषण का...’(क.), क्विजमास्टर और अन्य कहानियाँ, आधार प्रकाशन, पंचकूला, संस्करण -२०११, पृष्ठ – १०५ -०६

(५) मित्र, पंकज, ‘कसबे की एक लोक कथा बतर्ज बंटी बबली’ (क.) ‘जिद्दी रेडियो’, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली,प्र. संस्करण -२०१४ , पृष्ठ – ४६-४७

(६) मित्र, पंकज, ‘कसबे की एक लोक कथा बतर्ज बंटी बबली’ (क.) ‘जिद्दी रेडियो’, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, प्र. संस्करण -२०१४ , पृष्ठ – ३३,४७ ,७९ ,८१

(७) पराशर, पंकज, ‘भूमंडलीय यथार्थ और हाशिये का समाज: सन्दर्भ ‘क्विजमास्टर’(लेख), ‘लमही’(पत्रिका), अप्रैल –जून -२०१२, पृष्ठ – ८

(८) मित्र, पंकज, ‘आज, कल, परसों तक ...’ (क.) ‘हुडुकलुल्लु’, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, प्र. संस्करण - २००८ , पृष्ठ – १०,१४,१५,१९-२०

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Published

10-12-2023

How to Cite

Neeta Pandey. (2023). पंकज मित्र की कहानियों में भूमंडलीकरण का राजनितिक प्रभाव:. Vidhyayana - An International Multidisciplinary Peer-Reviewed E-Journal - ISSN 2454-8596, 9(3). Retrieved from http://j.vidhyayanaejournal.org/index.php/journal/article/view/1868