नासिरा शर्मा के उपन्यासों में सामाजिक चेतना
Abstract
नासिरा शर्मा का जन्म १९४८ में इलाहाबाद शहर में हुआ। उन्होंने फारसी भाषा और साहित्य में एम. ए. किया। हिन्दी उर्दू, अंग्रेज़ी , फारसी एवं पश्तो भाषाओं पर उनकी गहरी पकड़ है। वह ईरानी समाज और राजनीति के अतिरिक्त साहित्य कला व संस्कृति विषयों की विशेषज्ञ हैं। इरा़क, अ़फ़गानिस्तान, सीरिया, पाकिस्तान व भारत के राजनीतिज्ञों तथा प्रसिद्ध बुद्धिजीवियों के साथ उन्होंने साक्षात्कार किये, जो बहुचर्चित हुए। इनके साक्षात्कार से समाज के विषय में अच्छी जानकारी प्राप्त होती है l युद्धबन्दियों पर जर्मन और फ्रेंच दूरदर्शन के लिए बनी फिल्म में महत्त्वपूर्ण योगदान।
नासिरा शर्मा के उपन्यासों पर आधारित इस शोधपत्र के अन्तर्गत आधुनिक हिन्दी कथा - साहित्य की सशक्त हस्ताक्षर एवं वरिष्ठ साहित्यकार नासिरा शर्मा द्वारा विरचित उपन्यासों को अध्ययन का विषय बनाया है । नासिरा शर्मा उन विरले रचनाकारों में से एक हैं जिनकी हर कृति का कैनवास बहुत विराट है। इनके उपन्यासों में गहरे शोध की छाया है। साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित एवं किस्सागोई के फ़न में माहिर नासिरा जी के उपन्यासों में नए-पुराने रिश्तों की दास्तान है, लुप्त होती संवेदनाओं की पड़ताल है, वैश्विक परिदृश्य में समाज की बंदिशों में जकड़ी हुई इंसानियत की चीख है तथा सामाजिक एवं सांस्कृतिक तंतुओं के ताने-बाने को गहराई समझने का सफल प्रयास है।
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References
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